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केन्द्रीय बजट और उत्तर प्रदेश बजट : चुनावी घोषणाओं से उम्मीदें

Hindustani
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केन्द्रीय बजट और उत्तर प्रदेश बजट : चुनावी

घोषणाओं से उम्मीदें

………उत्तर प्रदेश में सरकार किसी भी पार्टी की भी बने परन्तु विकास के ऊपर चर्चा किये गए इन मुद्दों को लागु करने में किसी को कोई परशानी नहीं होनी चाहिए चाहे वह किसी भी पार्टी मैनिफेस्टो में शामिल क्यों न हो। लक्ष्य प्रदेश का विकास होना चाहिए इससे फर्क नहीं पड़ेगा कि ये किस पार्टी का चुनावी एजेंडा क्या था या क्या है।यदि प्रदेश की जनता को यह महसूस होगा की आम जनता के लिए चौबीशों घंटे बिजली, हर तरफ बढ़िया सड़के, अच्छी कानून व्यवस्था, युवाओं को बड़े मात्रा में जाती पाती से परे रोजगार मिले तो ऐसी पार्टी लोगों के दिल में बस जाएगी और बार बार वह सत्ता के करीब या फिर बार बार सत्ता में रहेगी। अतः पार्टियों का उद्देश प्रदेश का विकास और लोगों की सुरछा होना चाहिए न कि अपने अपने चुनावी घोषणा पत्र पर टिके रहेना इसी में प्रदेश का और उनका खुद का भला है…..



केंद्र की बी. जे. पी. सरकार (एन. डी. ये. सरकार) ने अभी बजट प्रस्तुत किया गया है। इसमें राजनितिक स्वछता की बात हुई है। जिसकी माग बहुत दिनों से चल रही थी की राजनितिक पार्टियाँ भी अपने चंदे में पारदर्शिता लायें। अतः सरकार द्वारा दो हजार रूपये से ज्यादा के नगद लेन दें पर रोक लगा दी गयी। इससे राजनीति में पारदर्शिता के मुद्दे को लगभग सुलझा लिया और अपनी राजनितिक प्रतिबद्धता भी जाहिर कर दी।

काला धन तथा धन के पारदर्शी चलन के लिए विमुद्रीकरण के बाद एक और बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने तीन लाख के ऊपर के नगद लेने देन पर रोक लगा दी। यह दोनों घोषणाएं बजट के दौरान सबसे महत्वपूर्ण कदम है। तीन लाख के ऊपर नगद लेन देन पर रोक लगाने से टैक्स में भारी बढ़ोतरी होगी तथा भ्रस्टाचार पर बहुत बड़ी लगाम लगेगी।

जहाँ तक इस समय कुछ राज्यों में चुनाव हो रहे है अथवा होने जा रहे हैं। ऐसे वक्त में सभी पार्टियाँ अपने अपने चुनावी वादों के साथ चुनावी मैदान में उतरी हैं। कई पार्टियों के चुनावी वादों से एक बात स्पष्ट हो रही है की सभी पार्टियाँ विकास को अपना प्रमुख मुद्दा बना रही है। एक बहुत बड़ा परिवर्तन जो मतदाता स्तर पर दिखाई देता है वो यह कि अब मतदाता विकास को तवज्जो दे रहे है। तथा लगभग सभी चुनावो में किसी एक ही पार्टी को स्पस्ट बहुमत मिल रहा है। पार्टियाँ अपने अपने सोच व दृष्टिकोण के साथ घोषणा पत्र तैयार किया है। घोषणा पत्र से इन पार्टियों ने अपनी अपनी जीत की बिसात बिठाने का पूरा प्रयास किया गया तथा इससे पार्टी की सोच भी दिखाई देती है।

अभी भारतीय जनता पार्टी का चुनावी एजेंडा देखा। रोज अखबार में उनके घोषणा पत्र अलग अलग बिंदु देखे जा सकते हैं। चुकि केंद्र में शासन बहुत ही प्रतिबद्धता के साथ चल रहा है और अभी तक सरकार के काम काज पर कोई भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे अतः भारतीय जनता पार्टी की नीतियों पर भरोसा करना लाजमी है।

इस घोषणा पत्र में मुझे कई बाते प्रभावित की है, जिनमे के कुछ का जिक्र करना चाहूँगा। पहला कि सभी छात्राओं को स्नातक तक मुफ्त शिक्षा देना तथा पचास प्रतिशत से ऊपर अंक लेन वाले छात्रों को भी स्नातक तक मुफ्त शिक्षा दी जायेगी। यह एक स्वागत योग्य सोच है क्यूंकि यदि सभी को शिक्षा मुफ्त में मिलेगी तो ज्यागा से ज्यादा संख्या में विद्यार्थी उच्य शिछा ग्रहण करेंगे। ऐसे विद्यार्थी जो पढ़ना चाहते है पर परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण पढाई जारी नहीं रख पाते, ऐसे लोगों के लिए यह वरदान साबित होगा। अच्छी एवम उच्य शिछा पाने से युवाओं की सोच में बहुत बड़ा बदलाव होगा। इससे तरक्की के रास्ते खुलेंगे।

बिना मेरिट का आधार बनाये सभी छात्रों को कालेज में प्रवेश लेने पर मुफ्त में लैपटॉप और महीने में एक जी बी इन्टरनेट डाटा मुफ्त में देने की बात कही गयी है। इससे सूचना छेत्र में क्रांति आएगी , तथा लोग देश और दुनिया के विभिन्न छेत्रों का ज्ञान आसानी से पा सकेंगे तथा उनकी शिक्षा में यह बहुत लाभकारी होगी।

इसमें कोई शक नही की मोदी जी ने देश को एक प्रभावशाली नेत्रत्व दिया है। जहाँ तक बिजली का विषय है तो यह उम्मीद भारतीय जनता पार्टी से जरूर कर सकते हैं कि वो चौबीसों घंटे बिजली उत्तर प्रदेश में दे सकती है। यदि उत्तर प्रदेश में पार्टी के शासन का पिछला रिकॉर्ड और अन्य बी जे पी शासित प्रदेशों की भी तुलना करें तो यह बात स्पष्ट हो जाती है कि जहाँ तक बिजली, इंफ्रास्ट्रक्चर और क़ानून व्यवस्था का प्रश्न है तो उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है।

यदि सभी छात्रों को लैप टॉप मिल जायेगा तो इससे सूचना क्रांति में एक बहुत बदलाव आयेगा।  प्रधान मंत्री जी डिजिटल इंडिया की बात कर रहे है और सभी ग्राम पंचायतों को इन्टरनेट से जोड़ने की योजना चल रही है। यदि सभी छात्रों को इन्टरनेट तथा लैप टॉप मिल जाती है और उत्तर प्रदेश में चौबिश घंटे बिजली सुनिश्चित हो जाती है तो ज्यादातर घरों में लैपटॉप तथा इन्टरनेट पहुँचने से लोगों को सरकार और सरकार के तंत्र के पास आसानी से पहुँचने का रास्ता साफ़ हो जायेगा। यदि आज हम अपनी परेशानी लेकर किसी भी नेता के पास जाते है तो वहां बड़ी लम्बी लाइन होती है और अपॉइंटमेंट भी लेना पड़ता है। इन सबमे बहुत समय व्यर्थ होता है। परन्तु इस तरह की सूचना क्रांति से यदि लगभग सभी के पास कंप्यूटर और इन्टरनेट उपलब्ध होगा तो लोग अपनी बात आसानी से अपने सम्बंधित मंत्री या सरकारी व्यवस्था तक पहुंचाया सकेंगे।

शिक्षा और सूचना क्रांति नाम के हथियार से बड़ी बड़ी जंग जीती जा सकती है। अतः मुफ्त स्नातक तक की पढाई, सूचना के लिए लैपटॉप तथा एक जी बी डाटा देने से पढाई की गुणवत्ता में भी बहुत बड़ा सुधार हो सकता है।

जहाँ तक शिक्षा के स्तर का सवाल है तो कल्याण सिंह की सरकार में नक़ल माफिया ख़त्म ही हो गए थे अतः यह प्रतीत होता है की शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में बी जे पी शासन पर भरोसा किया जा सकता है।

जहाँ तक किसानो का सवाल है तो यह स्वागत योग्य कदम है की लघु और सीमान्त किसानो की जिनकी संख्या लगभग अस्सी प्रतिशत है, यदि उन सभी को कृषि कार्यों के लिए बिना ब्याज के ऋण दिया जायेगा तो इससे किसान की बहुत बड़ी मदत होगी। किसानो का केवल बैंक खाता खुलवाकर उनकी मदद नहीं की जा सकती, जब तक उनको बैंकों से रियायत न दे सकें, चाहे जनधन खता हो या कोई अन्य बैंक खाता। परन्तु बिना ब्याज ऋणमिलने से किसान अब यह समझ पायेगा की बैंक से उसे जुड़ने के क्या फायदा हो सकता है।

ऐसा होने से किसान को खेती के कार्यों के लिए किसी से उधार लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यदि बैंक से उधार लेता भी है तो उसपर ब्याज नहीं देना पड़ेगा।

चौबीस घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्ति करने का भी वादा एक बहुत बड़ी बात है, क्यूंकि यह उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए दूर की कौड़ी है। ज्यादातर गाँव में आज भी शाम के वक्त बिजली नहीं आती है। जब बच्चों की पढाई का समय होता है तब गाँवों में बिजली नहीं आती है और गाँव के बच्चे लालटेन के सहारे पढने पर मजबूर होते हैं। अतः चौबीस घंटे बिजली देने से गावों के बच्चे अच्छी पढाई लिखाई कर सकेंगे। आज देहात के इलाकों यदि आप सूर्यास्त के बाद में जाते है तो ज्यादातर छेत्रों आवागानाम के साधन नहीं मिलते। रात में देर तक गाँव में सवारी और दुकाने भी लोगों के लिए उपलब्ध रहेंगी।

आज भी गाँवों के इलाकों की सड़कें जर्जर हालत में हैं और जैसा बी जे पी शासन के किसी भी कार्यकाल को ले लें तो उसका सड़कों के बनाने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है। चाहे वह राष्ट्रीय राजमार्ग हो अथवा गाँव की सडकें। सडकें ख़राब होने की स्थिति में गाँव में रहने वाले कई लोग ज्यादा बाहर जाने से कतराते है क्यूंकि सड़क का सफ़र उन्हें परेशान कर देता है। इसके विभिन्न अन्य छेत्रों से संपर्क कम होने से लोगों का एक्सपोज़र बेहतर नहीं हो पाता। जबकि बाहर की दुनिया का ज्ञान किसी भी व्यक्ति या समाज के लिए बेहद आवश्यक है। यदि गाँव में बुनियादी सुविधाएं जैसे बेहतर सड़क, बिजली, इन्टरनेट नेटवर्क, इत्यादि होगी तो ग्रामीण इलाकों का विकास तेजी के साथ होगा।

जिस प्रकार से केंद्र सरकार की लगभग तीन साल के कार्यकाल में कोई भ्रस्ताचार का कोई मामला नहीं हुआ, अतः इस बात की उम्मीद की जा सकती है की यदि बी जे पी उत्तर प्रदेश में सरकार बनाती है तो शासन की पारदर्शिता बढ़ेगी तथा सरकार की कल्याणकारी योजनाओ से बहुत बड़े तबके को फायदा पहुंचेगा।

बी जे पी के घोषणा पत्र में एक बात और भी संतुष्ट करने वाली हो सकती है कि त्रितीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों से इंटरव्यू सछात्कार ख़त्म कर दिया जायेगा इस कदम से नौकरियों में व्याप्त भ्रस्टाचार पर भी नकेल लगेगी। इससे एक बहुत बड़े वर्ग के छात्रों और नौकरी की तलाश करने वाले युवाओं को लाभ मिलेगा क्यूंकि सबसे ज्यादा नौकरियां त्रतिये और चतुर्थ वर्ग की हैं। इनमे इंटरव्यू ख़त्म होने से बड़े पैमाने पर व्याप्त भ्रस्टाचार ख़त्म हो जायेगा और गरीब परिवारों को नौकरी के लिए पैसों का इन्तेजाम करने के लिए उधार लेने की और गहने बेचने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।ऐसा होने की स्थिति में पलायन भी रुकेगा।

जहाँ तक बी जे पी के घोषणा पत्र का सवाल है तो यह देखकर आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि इसमें उत्तर प्रदेश के लगभग सभी प्रमुख समस्याओं को ख़त्म करने की महत्वपुर्ण और प्रभावशाली कार्ययोजना मौजूद है। और यदि उनकी ये सारी योजनाये लागु कर दी जाय तो उत्तर प्रदेश तरक्की के नए मुकाम पर हासिल का सकता है।

समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु प्रभवित करने वाले है, जैसे किसानो के लिए सस्ते ऋण उपलब्ध कराने, किसान मंडी को सुद्रढ़ बनाने, इत्यादि।

कॉलेज और विश्वविद्यायों को फ्री वाई फाई देने की घोषणा की है। यदि ऐसा होता है तो सभी कालेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को उनकी पढाई में बहुत लाभ मिलेगा, छात्र ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन पढाई की सामग्री हासिल कर पायेंगे, जिससे पढाई की गुद्वात्ता में काफी सुधार आयेगा।

कालेज और विश्वविद्यालय में विशेष बसों की सुविधा तथा पढाई की गुणवत्ता में सुधर जैसे पहल के वादे किये गए है। गरीब छात्रों के लिए विशेष आर्थिक सहायता तथा गाँव के स्कूलों को और बेहतर बनाने का वादा किया गया है।

जिनकी परिवार की आय १.५ लाख से कम है उनको मुफ्त में सारे इलाज देने की घोषणा भी की गयी है। जिन बीमारियों पर बहुत खर्च आता है तथा जो भायानाक् बीमारियाँ है जैसे कैंसर इत्यादि उनका मुफ्त इलाज शामिल है। जिस भी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में कैंसर जैसी भयानक बीमारी आ जाती है उसके लिए मुफ्त इलाज एक तरह से वरदान ही साबित होगा।

स्वास्थ्य की सेवा देने के लिए यह अति उत्तम निति है, जिसकी जितनी तारीफ की जाय कम है।

सचल स्वाथ्य सेवा उपलब्ध करना भी समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता में शामिल है यह एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। जो एक बात सड़क बनाने के छेत्र के विषय में समाजवादी सरकार के घोषणा पत्र में है वह है की ज्यादा से ज्यादा २ साल में सरकार द्वारा लिया गया सड़क प्रोजेक्ट पूरा किया जायेगा। यह एक अति प्रशसनीय कदम है। यदि ऐसा लक्ष्य सभी सरकारें और पार्टिया बना ले तो देश का काया कल्प होते देर नहीं लगेगी।

इसके अलावा विभिन्न प्रकार की एक्सप्रेस वे सड़कों का निर्माण उनके घोषणा पत्र में शामिल किया गया है। घरेलु इस्तेमाल के लिए चौबिशो घटे बिजली देने की योजना समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल है। यह सारी योजनाये भी प्रदेश के विकास को समर्पित ही है।

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो की यह बात स्वागत योग्य है कि प्रदेश में स्मारक और मूर्तियाँ जितनी बननी थी वो उनके पिछले कार्य काल में उन्होंने बनवा दी हैं अतः अब प्रदेश का विकास ही उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अब प्रदेश में जो भी धन आवंटित होगा अथवा राजस्व प्राप्त होगा उस पैसे का इस्तेमाल प्रदेश के विकास के लिए किया जायेगा। बी यस पी ने लोगों को सुरक्षा देने, किसानो, गरीबों, शोषित वंचित के उत्त्थान के लिए भी अपने विभिन्न मत प्रस्तुत किये है, जो की स्वागत योग्य कदम हैं।

वैसे उत्तर प्रदेश में सरकार किसी भी पार्टी की भी बने परन्तु विकास के ऊपर चर्चा किये गए इन मुद्दों को लागु करने में किसी को कोई परशानी नहीं होनी चाहिए चाहे वह किसी भी पार्टी मैनिफेस्टो में शामिल क्यों न हो। लक्ष्य प्रदेश का विकास होना चाहिए इससे फर्क नहीं पड़ेगा कि ये किस पार्टी का चुनावी एजेंडा क्या था या क्या है।यदि प्रदेश की जनता को यह महसूस होगा की आम जनता के लिए चौबीशों घंटे बिजली, हर तरफ बढ़िया सड़के, अच्छी कानून व्यवस्था, युवाओं को बड़े मात्रा में जाती पाती से परे रोजगार मिले तो ऐसी पार्टी लोगों के दिल में बस जाएगी और बार बार वह सत्ता के करीब या फिर बार बार सत्ता में रहेगी। अतः पार्टियों का उद्देश प्रदेश का विकास और लोगों की सुरछा होना चाहिए न कि अपने अपने चुनावी घोषणा पत्र पर टिके रहेना इसी में प्रदेश का और उनका खुद का भला है।

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